



जिन आतंकियों के नाक में नकेल डाली गई है, उनमें जमात-उद-दावा और अन्य स्थानीय आतंकी संगठनों के आतंकी शामिल हैं. दरअसल, बीते अगस्त माह में भी एंटी टेरिरिज्म कोर्ट ने आतंकी हाफिज सईद के करीबी और जमात-उद-दावा के तीन गुर्गों को कैद की सजा सुनाई थी.
पाकिस्तान में जो काम सरकार आज तक नहीं कर सकी वो काम लाहौर की एंटी टेरिरिज्म कोर्ट ने कर दिया है. कोर्ट ने जहां कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के मामलों में 10 साल की सजा सुनाई है. वहीं इससे पहले आतंकी गतिविधियों में शामिल कई लोगों को जेल भी पहुंचा दिया. एक सप्ताह के भीतर कई आतंकियों के खिलाफ वहां ऐसी कार्रवाई की गई है.
जिन आतंकियों के नाक में नकेल डाली गई है, उनमें जमात-उद-दावा और अन्य स्थानीय आतंकी संगठनों के आतंकी शामिल हैं. दरअसल, बीते अगस्त माह में भी एंटी टेरिरिज्म कोर्ट ने आतंकी हाफिज सईद के करीबी और जमात-उद-दावा के तीन गुर्गों को कैद की सजा सुनाई थी. जिनमें लाहौर के प्रोफेसर मलिक जफर इकबाल और शेखपुरा के अब्दुल सलाम भी शामिल थे. उन दोनों को 16-16 साल कैद की सजा सुनाई गई है.
इसी के साथ अदालत ने हाल ही में जमात-उद-दावा के चार अन्य अहम गुर्गों को जेल पहुंचा दिया. जिनमें हाफिज सईद के करीबी याह्या मुजाहिद और जफर को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई गई है, जबकि हाफिज के साले अब्दुल रहमान मक्की को 6 माह कैद की सजा सुनाई गई है. आपको बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के 13 लोगों के खिलाफ पंजाब (पाकिस्तान) के अलग-अलग शहरों में 23 मुकदमे दर्ज हैं.
एंटी टेरिरिज्म कोर्ट (ATC) की सख्ती के चलते इस सप्ताह पंजाब पुलिस और अन्य एजेंसियों नें हाफिज सईद के संगठनों से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया. अदालत ने तेजी से कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के भीतर कई आतंकियों को सजा सुनाकर जेल भेज दिया.
इन आतंकी संगठनों से जुड़े मामलों की सुनवाई एटीसी के जज अरशद हुसैन कर रहे थे. उन्होंने ही सुनवाई के बाद आतंकी हाफिज सईद को लेकर भी अपना फैसला सुनाया है. उनकी कोर्ट ने हाफिज पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया और साथ ही उसकी संपत्ति जब्त करने का फरमान भी दिया.