



आपने ऐसा सुना ही होगा कि राजाओं-महाराजाओं की बड़ी ठाठ होती थी एवं उनके लिए 56 भोग प्रतिदिन तैयार होते थे।
गांधीनगर। आपने ऐसा सुना ही होगा कि राजाओं-महाराजाओं की बड़ी ठाठ होती थी एवं उनके लिए 56 भोग प्रतिदिन तैयार होते थे। आज हम आपको एक ऐसे बादशाह के संबंध में बताएंगे जो अपने खाने के लिए बहुत प्रसिद्ध थे।
बता दें कि यह बादशाह अपनी एक दिन की डाइट में 35 किलो खाना अकेले ही खा जाते थे। वे एक बार में इतना अधिक भोजन का सेवन करते थे कि लोग देखकर हैरान रह जाते थे।
इन पेटू बादशाह का नाम महमूद बेगड़ा था । वे गुजरात के छठें सुल्तान थे। ‘गिरनार’ जूनागढ़ तथा चम्पानेर के किलों को जीतने के पश्चात उन्हें ‘बेगड़ा’ की उपाधि से नवाजा किया गया।
वे हट्टे-कट्टे थे। उनकी मूंछे भी काफी लम्बी थी, जिन्हें वे सर के पीछे बांधकर रखते थे। उन्होंने 52 वर्ष की उम्र मतलब साल1459-1511 ईसवी तक राज किया।
वह सुबह के नाश्ते में बादशाह एक कटोरा शहद, एक कटोरा मक्खन, 150 तक केले आराम से चट कर जाते थे। फारसी और यूरोपीय इतिहासकारों ने अपनी कुछ कहानियों में उनका जिक्र करते हुए बताया है कि वे हर रोज लगभग एक गुजराती टीले जितना खाना खा जाते थे।
वहीं दोपहर के खाने के पश्चात डेजर्ट के रूप में वे 5 किलो तक मीठे चावल का सेवन कर जाते थे। उनकों रात्रि को अचानक भूख लगने का डर रहता था इसलिए वे तकिए के दोनों तरफ गोश्त के समोसों से भरी तश्तरियां रखते थे ताकि रात की भूख को शांत कर पाएं।