



सितंबर तिमाही में जीडीपी के आंकड़े बता रहे हैं कि भारतीय इकोनॉमी आधिकारिक तौर पर मंदी की चपेट में आ चुकी है. हालांकि, जून की तिमाही के मुकाबले रिकवरी देखने को जरूर मिली है लेकिन इसके बावजूद सरकार के लिए चुनौती बरकरार है.
देश की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट को लेकर दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था पहली बार आधिकारिक तौर पर मंदी में चली गई है.
उन्होंने ट्वीट किया ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था पहली बार आधिकारिक रूप से मंदी में चली गई. इससे ज्यादा गंभीर बात ये है कि तीन करोड़ लोग अब भी मनरेगा के तहत नौकरी की तलाश में हैं.’
राहुल गांधी ने कहा कि फरमान जारी कर अर्थव्यवस्था को प्रगति के मार्ग पर नहीं ले जाया जा सकता. पीएम को यह बुनियादी बात समझने की जरूरत है.
बता दें कि सितंबर तिमाही में जीडीपी के आंकड़े बता रहे हैं कि भारतीय इकोनॉमी आधिकारिक तौर पर मंदी की चपेट में आ चुकी है. हालांकि, जून की तिमाही के मुकाबले रिकवरी देखने को जरूर मिली है लेकिन इसके बावजूद सरकार के लिए चुनौती बरकरार है.
ये हैं जीडीपी के ताजा आंकड़े
ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी यानी सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव में 7.5 फीसदी रही है. वित्त वर्ष की पहली यानी जून की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 24 फीसदी की भारी गिरावट आ चुकी है. लगातार दो तिमाही में निगेटिव ग्रोथ को तकनीकी तौर पर मंदी माना जाता है. कहने का मतलब ये है कि सरकार ने आधिकारिक तौर पर मंदी को स्वीकार कर लिया है.