



मौसम विभाग ने कहा कि अगले 12 घंटों के दौरान बुरेवी के और तेज होने की संभावना है. इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका है.
देश में चक्रवाती तूफानों का सिलसिला जारी है. ‘निवार’ के बाद मौसम विभाग ने एक और चक्रवाती तूफान ‘बुरेवी’ की जानकारी दी है. मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में उच्च दबाव के कारण मंगलवार देर रात चक्रवाती तूफान के रूप में बदलने की संभावना है. इसके दो दिसंबर की शाम या रात को त्रिंकोमाली के निकट श्रीलंका के तट से गुजरने का पूर्वानुमान है. इस दौरान 75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी.
मौसम विभाग ने कहा कि अगले 12 घंटे के दौरान बुरेवी के और तेज होने की संभावना है. इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका है. बहुत संभावना है कि इसके बाद वो लगभग पश्चिम की ओर बढ़े और 3 दिसंबर की सुबह मन्नार की खाड़ी और आसपास के क्षेत्र में दस्तक दे.
इसके बाद यह लगभग पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और दक्षिण तमिलनाडु तट को पार करेगा. 4 दिसंबर की सुबह के आसपास कन्याकुमारी और पंबन के बीच बुरेवी दस्तक दे सकता है. उत्तर तमिलनाडु, पुदुचेरी, माहे और उत्तर केरल में 2 और 3 दिसंबर को भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है. वहीं, मौसम विभाग ने 4 दिसंबर को भारी बारिश की आशंका जताई है.
वहीं, मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 1 से 3 दिसंबर तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी, बंगाल के दक्षिण-पश्चिम खाड़ी और पूर्वी श्रीलंका तट पर समुद्र के किनारे न उतरें.
कन्याकुमारी के कलेक्टर ने कहा कि जो मछुआरे अपनी नाव लेकर समुद्र तट पर मछलियां पकड़ने गए हैं वो जल्द से जल्द वापस आ जाएं. उन्होंने मछली पकड़ने की सभी गतिविधियों को बंद करने की सलाह दी है.
केरल के चार जिलों में बारिश का रेड अलर्ट
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से केरल में 2-3 दिसंबर को भारी बारिश होने का अनुमान है. मौसम विभाग ने केरल के 4 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोगों से सावधानी बरतने का अनुरोध किया है.
जिन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है उसमें तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथनमथिट्टा और अलप्पुझा शामिल हैं. जबकि कोट्टायम, एर्नाकुलम और इडुक्की जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
बता दें कि हाल ही में चक्रवाती तूफान निवार (Cyclone Nivar) तमिलनाडु-पुडुचेरी के तट से टकराया था. मौसम विभाग (IMD) के अनुसार चक्रवाती तूफान निवार के समुद्र तट से टकराने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही तेज हवाओं के साथ बारिश का सिलसिला जारी था. जिस वक्त तूफान ने समुद्र तट को पार किया उस दौरान हवा की रफ्तार अत्याधिक तेज थी.