



एक तरफ पंजाब के हजारों किसान कड़कड़ाती ठंड में केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं खुद को किसानों का मसीहा साबित करने में जुटा शिरोमणि अकाली दल नई राजनीतिक बिसात बिछाने की तैयारी कर रहा है.
एक तरफ पंजाब के हजारों किसान कड़कड़ाती ठंड में केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं खुद को किसानों का मसीहा साबित करने में जुटा शिरोमणि अकाली दल नई राजनीतिक बिसात बिछाने की तैयारी कर रहा है.
दरअसल, एनडीए से बाहर होने के बाद अब शिरोमणि अकाली दल बीजेपी से दो-दो हाथ करने के लिए अपने प्लान ‘बदलापुर’ पर काम कर रहा है.
दो दशक से भी ज्यादा समय तक भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के हम-कदम चलने वाला अकाली दल अब भगवा पार्टी को सबक सिखाना चाहता है. इसके लिए अब पार्टी के नेता एक राष्ट्रीय मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे हैं.
केंद्र में सशक्त विपक्ष की कमी: अकाली दल
अकाली दल के नेताओं का मानना है कि केंद्र में एक सशक्त विपक्ष की कमी है. इसलिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार मनमर्जी से फैसले कर रही है. अकाली दल के सीनियर नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा का मानना है कि मनमाने फैसलों का विरोध करने के लिए विपक्ष की मजबूती निहायत ही जरूरी है. इसलिए अकाली दल अब नेशनल डेमोक्रेटिक एलाइंस यानी एनडीए के खिलाफ एक राष्ट्रीय मोर्चा खड़े करने की तैयारी में है.
अकाली नेताओं के मुताबिक पार्टी अगले लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार कर रही है और अगले चुनाव दूसरी पार्टियों के गठबंधन के साथ मिलकर लड़े जाएंगे. अकाली दल के नेताओं का मानना है कि अगर एनडीए का विरोध करना है तो उसके लिए एक नया मोर्चा बनाना होगा.
अब उद्धव और अखिलेश यादव से वार्ता
अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा की अध्यक्षता में अकाली दल का एक प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात कर चुका है.
प्रेम सिंह चंदूमाजरा अब शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात करने वाले हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मुलाकात की तैयारी है. इससे पहले चंदूमाजरा बीजू जनता दल के नेताओं से भी मिल चुके हैं.
चंदूमाजरा का मानना है कि राष्ट्रीय मोर्चा बनाने के प्रस्ताव को लेकर उनको अखिलेश यादव और ममता बनर्जी सहित दूसरे दलों से अच्छा रिस्पांस मिला है. अकाली दल के नेताओं के मुताबिक केंद्र में मोदी सरकार की मनमर्जी के चलते देश के संघीय ढांचे का ताना-बाना कमजोर पड़ रहा है.
अकाली दल महासचिव डॉ. दलजीत चीमा के मुताबिक भी संघीय ढांचे की मजबूती के लिए सशक्त राष्ट्रीय मोर्चा जरूरी है. अकाली दल के प्लान ‘बदलापुर’ को लेकर जब पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा से बात की तो उन्होंने इसे अकाली दल की राजनीतिक छटपटाहट करार दिया.
बीजेपी ने बताया अकाली दल की छटपटाहट
अश्विनी शर्मा ने कहा, “हर राजनीतिक दल को अपनी सोच के मुताबिक कार्य करने का अधिकार है. नेशनल फ्रंट बनाने की कोशिश सिर्फ अकाली दल की छटपटाहट भर है. उसकी जेब खाली है, इसलिए अब वह नए विकल्प ढूंढ रहा है. पंजाब और पंजाब के लोगों को अब नए विकल्प की तलाश है.”