



दिसंबर के आखिर में चीन से शुरू हुए कोविड-19 ने जल्दी ही पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। आज अमेरिका और इटली जैसी महाशक्तियां भी इससे त्रस्त हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर कुछ ब्लॉगर्स ने कोरोना वायरस को नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी से जोड़ते हुए कुछ पोस्ट किए हैं।
दिसंबर के आखिर में चीन से शुरू हुए कोविड-19 ने जल्दी ही पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। आज अमेरिका और इटली जैसी महाशक्तियां भी इससे त्रस्त हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर कुछ ब्लॉगर्स ने कोरोना वायरस को नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी से जोड़ते हुए कुछ पोस्ट किए हैं। फ्रांस में जन्मे माइकल डी नास्त्रेदमस ने अपनी पुस्तक ‘लेस प्रोफेटिज’ में दुनिया के बारे में कई भविष्यवाणियां की गई हैं। इस पुस्तक का पहला संस्करण 1555 में प्रकाशित हुआ था। पुस्तक में कुल 6338 भविष्यवाणियाँ हैं, जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत सत्य साबित हुई हैं।
दुनिया में जितनी जिज्ञासा नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों ने जगाई है उतनी शायद ही किसी और भविष्यवेत्ता की भविष्यवाणियों ने पैदा की हो। नास्त्रेदमस को सोलहवीं शताब्दी का सबसे विवादित व्यक्ति भी कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा। पूरी दुनिया में लोग नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों पर यकीन करते हैं। इसकी वजह ये है कि उनकी कई भविष्यवाणियां सच साबित हो चुकी हैं।
2020 की भविष्यवाणी सच हुई: 2020 में फैले कोरोना वायरस महामारी को नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी से भी जोड़ा जा रहा है। अन्य ऐतिहासिक घटनाएं भी उसकी भविष्यवाणी से जुड़ी हुई हैं। आइए जानें नास्त्रेदमस की 2021 की भविष्यवाणियां।
जांबी: नास्त्रेदमस की साल 2021 की भविष्यवाणी के मुताबिक एक रशियन वैज्ञानिक ऐसा जैविक हथियार और वायरस विकसित करेगा, जो इंसान को जॉम्बी बना सकता है। ये इंसान के लिए बेहद घातक साबित होगा और हमारी प्रजाति का सर्वनाश होने के मौके बढ़ जाएंगे।
सूखा: नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के मुताबिक इस साल अकाल, भूकंप, तरह-तरह की बीमारियां और महामारी बढ़ेंगी। ये दुनिया के अंत से पहले के संकेत होंगे।
साल 2020 को कोरोना महामारी की शुरुआत माना जाता है, जिसके आगे आज पूरी दुनिया बेबस नजर आ रही है।
पृथ्वी से टकराएगा धूमकेतु: नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में साल 2021 के आसपास पृथ्वी से धूमकेतु टकराने की बात भी कही गई है, जो भूकंप और कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं का कारण बनेगा। खुद NASA के वैज्ञानिकों ने भी पहले ही एक बड़े धूमकेतु के पृथ्वी से टकराने की संभावना जता चुका है।
जलवायु परिवर्तन से युद्ध और संघर्ष को बढ़ावा मिलेगा। दुनिया में प्राकृतिक संसाधनों को लेकर विवाद पैदा होंगे और लोग एक स्थान से दूसरे-स्थान पर पलायन करेंगे।
गौरतलब है कि नासा 2009 KF1 नाम के एक एस्टेरॉयड पर नजर भी रख रही है…
जिसके वैज्ञानिकों के अनुसार मई 2022 में पृथ्वी से टकराने का खतरा है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस एस्टेरॉयड की ताकत 1945 में हिरोशिम पर अमेरिका द्वारा गिराए गए परमाणु बस से करीब 15 गुना ज्यादा हो सकती है।