Vande Gujarat News
Breaking News
AgricultureBJPBreaking NewsCongressFarmerGovtIndiaNationalProtestWorld News

किसान आंदोलन पर भारत के 22 राजनयिकों ने कनाडा को जमकर सुनाया

किसान आंदोलन पर बयानबाजी को लेकर भारत के 22 पूर्व राजदूतों ने पत्र लिखकर जमकर सुनाया है. भारत के पूर्व राजदूतों ने कहा है कि कनाडा वोट बैंक की राजनीति करने के लिए भारत के आंतरिक मसले पर टिप्पणी कर रहा है.

भारतीय राजदूतों के समूह ने किसान आंदोलन पर कनाडा के रुख को वोट बैंक राजनीति बताते हुए एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र पर 22 पूर्व राजनयिकों के हस्ताक्षर हैं. इनमें कनाडा में उच्चायुक्त रहे विष्णु प्रकाश भी शामिल हैं. भारत के पूर्व राजनयिकों ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की किसान आंदोलन पर की गई टिप्पणी को गैर-जरूरी, जमीनी हकीकत से दूर और भड़काऊ करार दिया है.

पिछले सप्ताह, गुरु नानक देव की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जस्टिन ट्रूडो ने भारत में हो रहे किसान आंदोलन की खबरों को लेकर चिंता जाहिर की थी. भारत सरकार ने भी ट्रूडो के बयान को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी.

‘कनाडा कर रहा वोट बैंक की पॉलिटिक्स’

भारतीय राजनयिकों की ओर से लिखे गए इस पत्र में कहा गया है, कनाडा में लिबरल्स पार्टियां अपने वोटर बेस को खुश करने के लिए भारत के आंतरिक मामले में दखल दे रही है जो बिल्कुल अस्वीकार्य है और दोनों देशों के रिश्तों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.

इस पत्र में कहा गया है कि कनाडा की धरती से अलगाववादी और खालिस्तानी लगातार भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. इसके अलावा, कनाडा के युवाओं को भी कट्टरपंथ की तरफ मोड़ने की कोशिश की जा रही है जिसके दूरगामी नतीजे हो सकते हैं.

भारत विरोधी गतिविधियों को नजरअंदाज कर रही सरकार

भारत के पूर्व राजनयिकों ने कहा है कि कनाडा में कई गुरुद्वारे खालिस्तानियों के नियंत्रण में हैं जिससे उन्हें काफी फंडिंग भी होती है. इस फंडिंग को कथित तौर पर लिबरल पार्टियों के चुनावी कैंपेन में भी खर्च किया जाता है. खालिस्तानी लगातार भारत विरोधी प्रदर्शन और रैलियां करते हैं जहां भारत के खिलाफ नारे लगाए जाते हैं. इन कार्यक्रमों में कनाडा के कई राजनेता भी शामिल होते हैं जिससे अलगाववादियों को और पब्लिसिटी मिलती है. पूर्व राजनयिकों ने लिखा है कि कनाडा में अल्पकालीन राजनीतिक फायदे के लिए बड़े खतरों को नजरअंदाज किया जा रहा है.

पाकिस्तानी राजदूतों की भूमिका पर सवाल
भारतीय राजदूतों ने खालिस्तानियों और पाकिस्तानी राजदूतों के बीच संपर्क होने की बात कही है. पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तानी राजदूत खालिस्तानी समर्थक कार्यक्रमों में साजिशन हिस्सा भी लेते हैं लेकिन कनाडा की सरकार इस पर ध्यान नहीं देती है. साल 2018 में भी कनाडा में आतंकवाद को लेकर एक रिपोर्ट आई थी जिसमें खालिस्तानियों और सिख अतिवाद का जिक्र हुआ था. हालांकि, बाद में विवाद होने पर रिपोर्ट से ये सारी बातें हटा दी गईं.

कनाडा के प्रधानमंत्री की टिप्पणी गैरजरूरी

भारतीय राजदूतों ने भी अपने पत्र में कनाडाई पीएम की टिप्पणी को गैर-जरूरी बताया है. इसमें ये भी कहा गया है कि डब्ल्यूटीओ में कनाडा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भारत के रुख का आलोचक रहा है जबकि किसान आंदोलन को लेकर समर्थन दे रहा है. ऐसे व्यवहार से अंतरराष्ट्रीय मंच पर कनाडा की छवि को धक्का लगेगा.

भारत के पूर्व राजनयिकों ने लिखा है कि भारत कनाडा से अच्छे रिश्ते चाहता है लेकिन यह एकतरफा नहीं हो सकता. भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ कदमों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. इस बारे में निर्णय कनाडा के लोगों को ही करना होगा.

संबंधित पोस्ट

नए साल के जश्न में डूबी दुनिया, नाइट कर्फ्यू की बंदिशों के बीच 2021 का स्वागत

Vande Gujarat News

मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की 10 दिसम्बर को होगी अगली सुनवाई

Vande Gujarat News

ધો-૧૦નીઆંતરીકમૂલ્યાંકનના ગુણ ઓનલાઈન ભરવા આદેશ પરીક્ષાથીઓના ગુણ નામ અને એપ્લીકેશન નંબરના આધારે ભરવાના રહેશે

Admin

कोरोना वैक्सीन बना रहीं कंपनियों का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है? यहां जानें

Vande Gujarat News

राजस्थान: भाजपा का आज भरतपुर में उग्र विरोध प्रदर्शन, भीड़ जुटाने घर-घर जाकर पीले चावल बाट़े, छात्रों को भी किया आमंत्रित!

Admin

चीन-पाकिस्तान समेत 10 देशों को अमेरिका ने विशेष निगरानी सूची में डाला

Vande Gujarat News